अमरेन्द्र पंडित
कांडी :प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में मकर संक्रांति का मेला श्रद्धालुओं की विराट जनमेदिनी के साथ शुरू हो गया। इस मेला में स्थानीय 100 गांवों के साथ कई शहरो व झारखंड के कई जिलों एवं देश के कई राज्यों के लोग देर शाम तक उमड़ते रहे। देश के उत्कृष्ट पर्यटन स्थलों में शुमार सतबहिनी झरना तीर्थ में लगने वाले पांच मेलों में से वर्ष का चौथा मेला सूर्य के उत्तरायण होने के उपलक्ष्य में 14 जनवरी से शुरू हो गया। यह मेला 16 जनवरी 2025 तक चलेगा। इस विराट मेले को लेकर हजारों की संख्या में स्थानीय एवं बाहरी दुकानदारों के द्वारा दुकान लगायी गयी है। इनमें प्रसाद एवं पूजा सामग्री, सिंगार, खिलौना, मिठाई, होटल, रेडीमेड, लोहे के बने सामान, लकड़ी के बने सामान, जूता चप्पल, चाट चाउमीन, फोटो, फोटोग्राफी के साथ-साथ अनेकों तरह की हजारों दुकानें सजी हुई हैं। जिन पर काफी संख्या में खरीदारों को सुबह से शाम तक खरीदारी करते देखा गया। सतबहिनी झरना तीर्थ के इस मेले की काफी दूर-दूर तक ख्याति है। इस कारण इस मेले में लाखों की संख्या में पर्यटकों की भीड़ उमड़ती देखी गई। सतबहिनी झरना को शून्य से शिखर तक पहुंचाकर इसे सतबहिनी झरना तीर्थ बनाने वाली संस्था मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति मेले की सफल व्यवस्था के लिए काफी सक्रिय देखी गई। मालूम हो कि यह मेला प्रमुख रूप से झरना घाटी से पश्चिम की ओर सुविस्तृत मेला मैदान में लगा है। जबकि झरना घाटी में भी कई दुकानें सजी देखी गई। जिसमें लाखों की संख्या में लोगों को खरीदारी करते देखा गया। इधर सूर्य के उत्तरायण होने को हिंदू धर्म में बहुत बड़े त्यौहार की मान्यता दी गई है। इस कारण लोग मंगलवार की अहले सुबह सतबहिनी पहुंचकर मनोरम झरना में स्नान करते हुए यहां के नौ मंदिरों की श्रृंखला में पूजा करते एवं दान दक्षिणा करते देखे गए। इन मंदिरों में सतबहिनी भगवती माता महादुर्गा, महाकाली, महालक्ष्मी, 7 बहनों के भइया भैरवनाथ, भगवान भास्कर, बजरंग बली, साक्षी गणेश, भगवान शिव एवं नंदी महाराज के मंदिरों का नाम शामिल है। यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। इसके साथ ही रहस्यमयी सात मंजिली साधना सह समाधि गुफा में भी सभी लोग दर्शन एवं पूजन करते रहे। जबकि सतबहिनी भगवती मंदिर के समक्ष झरना घाटी में बड़ी संख्या में लोग श्री सत्यनारायण भगवान की कथा सुन रहे थे। इसी दिन मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के तत्वावधान में आम जनों के द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले मानस महायज्ञ के इस वर्ष रजत जयंती आयोजन को लेकर विशेष बैठक की गई। इस बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष एवं विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने की। इस मौके पर महायज्ञ का बैनर एवं पोस्टर भी जारी किया गया। उपरोक्त जानकारी देते हुए समिति के सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र ने कहा कि इस बैठक में समिति के सभी कोटि के सदस्य यथा विशिष्ट स्थायी सदस्य, स्थायी सदस्य एवं सामान्य सदस्यों के साथ तमाम श्रद्धालु आम जनों ने भी भाग लिया। कहा कि समिति के मानस महायज्ञ की रजत जयंती होने के कारण इस वर्ष भव्य आयोजन किए जाने को लेकर जनसंपर्क टोलियों का गठन एवं लोगों के बीच कार्य विभाजन किया गया। जिसे सफल बनाने के लिए सबों को विशेष प्रयास एवं मेहनत करने पर आम सहमति बनी। इस मौके पर विधायक सह समिति के अध्यक्ष नरेश प्रसाद सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र, कोषाध्यक्ष विभूति नारायण दुबे, जय किशुन राम, डॉक्टर प्रमोद कुमार सिंह, अवधेश प्रसाद गुप्ता, रघुनंदन राम, सुरेश पासवान, देवी दयाल राम, निरंजन सिंह, अखिलेश प्रसाद सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। इस मौके पर मेला में शांति व्यवस्था बनाए रखने एवं कानून के अनुपालन को लेकर तीन दंडाधिकारियों के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की मेले में एसडीओ संजय कुमार के द्वारा प्रतिनियुक्ति की गई थी। इस दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुनील कुमार तिवारी ने भी मेले का जायजा लिया। जबकि कांडी थाना प्रभारी अविनाश राज सदर बल मुस्तैद रहे। इधर प्रखंड मुख्यालय के निकट सोन नदी के अड़ंगा बाबा घाट पर भी मकर संक्रांति का मेला लगा। इसमें भी अच्छी खासी भीड़ देखी गई। पहले यह मेला बजरंगबली मंदिर के पास लगता था। लेकिन इस वर्ष स्थान परिवर्तन करके अड़ंगाबाबा घाट के पास मेला लगाया गया है।