प्लस टू उच्च विद्यालय कांडी के शिक्षकों ने एसीबी के एसपी से षड्यंत्र के तहत फसाई गई प्रधानाध्यापिका को दोषमुक्त करने की लगाई गुहार

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कांडी : स्थानीय जमा दो उच्च विद्यालय कांडी के सभी शिक्षकों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पलामू के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि स्कूल की पूर्व प्रधानाध्यापिका विद्यानी बाखला को षड्यंत्र पूर्ण मामले में फंसाया गया है। उन्होंने उक्त दलित आदिवासी महिला को तथ्यों पर विचार करते हुए दोष मुक्त किए जाने का आग्रह किया है। शिक्षकों ने कहा है कि राजकीय कृत जमा दो उच्च विद्यालय कांडी के बच्चों को व्यावहारिक शैक्षणिक भ्रमण पर जाने के लिए प्रधानाध्यापिका विद्यानी बाखला के द्वारा राशि दी गई थी। विद्यालय प्रबंधन समिति की सहमति से 56000 रुपए की निकासी के लिए शिक्षक धर्मेंद्र कुमार को वेंडर बनाया गया था। एसएमसी के अध्यक्ष एवं सचिव के हस्ताक्षर से बिल बीआरसी को भेजा गया था। बिल की छाया प्रति संलग्न की गई है। दिनांक 31 मार्च 2024 को वेंडर शिक्षक धर्मेंद्र कुमार बैठा के खाता संख्या 41429871603 में यह राशि बीआरसी के द्वारा 56000 रुपए जमा किया गया है। बैंक स्टेटमेंट संलग्न है। इसी राशि को मैडम द्वारा मांगे जाने पर शिक्षक धर्मेंद्र कुमार द्वारा बराबर टाल मटोल किया जाता रहा है। इनके द्वारा षड्यंत्र रचते हुए दिनांक 6 अगस्त 2024 को ₹10000 स्टाफ के सामने दिया गया है। शेष राशि बाद में देने की बात कही गई है। दिनांक 7 अगस्त 2024 को षडयंत्र पूर्वक इनके द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापिका विद्यानी बाखला को ₹20000 देकर एसीबी से गिरफ्तार कराया गया है। यह राशि भरे हुए स्टाफ रूम में दी गई है। यह राशि रिश्वत की नहीं बल्कि 56 हजार रुपए में से बची हुई शेष राशि थी। शिक्षकों ने कहा है कि हाजिरी बनाने के लिए यह रिश्वत की राशि नहीं थी। बल्कि मैडम द्वारा दी गई 56000 में से बची हुई राशि थी। यह किसी प्रकार रिश्वत की राशि नहीं थी बल्कि इसके एवज में षडयंत्र पूर्वक उन्हें फसाया गया। प्राचार्य रूम में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है जहां सारी गतिविधि कैद होती है। दी गई राशि को पहले विद्यालय के शिक्षक श्री धारा सिंह के द्वारा तमाम शिक्षकों के सामने मिलाया गया है। इसके बाद मैडम को रखने के लिए दिया गया है। यह राशि उनके खाता से पूर्व में भुगतान की गई राशि है। जिसे शिक्षक ने रिश्वत की राशि षडयंत्र पूर्ण तरीके से उन्हें फंसा दिया है। उस समय पर प्राचार्य कक्ष में चार-पांच शिक्षक एवं अभिभावक भी मौजूद थे। रिश्वत की रकम होती तो कैमरे के सामने और शिक्षकों की उपस्थिति में शिक्षक से मिलान करा कर मैडम नहीं रखती। अत: शिक्षक के द्वारा लगाया गया आरोप मनगढ़ंत एवं षड्यंत्र पूर्ण है। शिक्षकों ने एसीबी के एसपी से तमाम तथ्यों पर विचार करते हुए प्रभारी प्रधानाध्यपिका दलित आदिवासी महिला विद्यानी बाखला को दोष मुक्त किए जाने की गुहार लगाई है। आवेदन पर प्रधानाध्यापक निरंजन शाह, अमित कुमार विश्वकर्मा सहित तमाम शिक्षकों के हस्ताक्षर हैं।

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