मानस महायज्ञ की रजत जयंती के दौरान सतबहिनी झरना तीर्थ में लगाए जाएंगे विशेष किस्म के वृक्ष

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कांडी : मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के बहुत पुराने विशिष्ट स्थायी सदस्य वन प्रमंडल पदाधिकारी – डीएफओ अर्जुन बड़ाईक ने सतबहिनी में कई विशेष किस्म के पौधरोपण की घोषणा की है। मानस महायज्ञ की रजत जयंती समारोह यानि 25वें महायज्ञ 13 फरवरी से 23 फरवरी 2025 के बीच ही वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान लाल चंदन के दो, रक्त चंदन के दो, श्वेत चंदन के दो, रूद्राक्ष के दो, शिवलिंगि का एक और कल्पतरु के चार पौधों के रोपण का कार्यक्रम रखा गया है। इस क्रम में तेजपत्ता का भी दो वृक्ष लगाएंगे। ताकि भंडारा का स्वाद और सुगंध में काम आए। वृक्ष लगाने के लिए गड्ढा डेढ़ फुट गहरा और उतना ही लंबा और चौड़ा रहेगा। ऊपर ९ इंच की मिटटी अलग रखी जायेगी। और उतना ही सूखा गोबर मिलाकर अच्छी तरह से पीटकर मिश्रण बना दिया जायेगा। वृक्षारोपण के दो दिन पहले और एक दिन पहले गड्ढों में पानी भर दिया जाएगा। वृक्षारोपण कार्य के पहले गोबर मिट्टी मिश्रण से गड्ढा को भर दिया जाएगा और तब वृक्षारोपण का कार्य सम्पन्न होगा। कल्पतरु के वृक्षों में दूरी पच्चीस फीट कम से कम और बाकी सभी के बीच पंद्रह फीट रखी जायेगी। कल्पतरु के पेंड़ हजारों वर्षों तक छाया देंगे और उनकी मोटाई बहुत ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कि पौधा संरक्षण के लिए गैबियन की मुख्य रूप से जरूरत होगी। तो मैं वहां के सीएफ को बोला हूं कि 25 गेबियन किसी रेंज अफसर के माध्यम बनवा दीजिएगा। मैं उसका भुगतान कर दुंगा। इनमें हमको सिर्फ श्वेत चंदन मंगाना है। बाकी सभी पौधे रांची में उपलब्ध हैं। जो महायज्ञ अवधि में मंगा लिया जाएगा। डीएफओ अर्जुन बड़ाईक ने कहा की पौधारोपण एवं गैबियन से घेरा बंदी का कार्य मेरे तरफ से किया जाएगा। बाकी पौधों की सिंचाई एवं पौध संरक्षण का कार्य मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के जिम्में रहेगी।

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