अमरेंद्र पंडित
कांडी : दिल्ली प्रबंधन संस्थान में प्रबंधन की मास्टर डिग्री के एक छात्र ने सतबहिनी झरना तीर्थ में जारी निर्माण कार्य के दौरान दो घंटे तक श्रमदान किया। इस दौरान छात्र ने स्वेच्छा से सिमेंट कंक्रीट का मसाला माथे पर ढोकर राज मिस्त्री को दिया। कांडी प्रखंड क्षेत्र के अधौरा गांव निवासी पत्रकार रामरंजन के पुत्र श्वेताभ रंजन की समाज सेवा में शुरू से ही गहरी अभिरूचि है। श्वेताभ ने रांची स्थित सेंट जेवियर्स कॉलेज से इंटर से ग्रेजुएशन तक के कालखंड में झोंपड़पट्टी में रहनेवाले बेहद गरीब मजदूर के स्कूल से दूर रहनेवाले बच्चों को लगातार पढ़ाने का काम किया है। इस दौरान उन्हें प्राइमरी व मिडिल स्तर की शिक्षा प्रदान कर अगली कक्षा के योग्य बनाया। ताकि वे हाई स्कूल की पढ़ाई कर सकें। वर्तमान में सभी बच्चे पढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं श्वेताभ रंजन ने शौकिया फोटोग्राफी करते हुए नेशनल व स्टेट लेबल का पुरस्कार जीता है। फिलहाल वह प्रबंधन की पढ़ाई के दौरान प्रैक्टकल क्लास के दौरान ग्रुप लीडर है। डिजास्टर मैनेजमेंट का नैनीताल की बर्फीली पहाड़ियों में हो रहे प्रैक्टकल के दौरान भी श्वेताभ प्रथम रहा है। निकट भविष्य में कॉलेज की ओर से पढ़ाई के लिए ही उसे दुबई जाना है। सतबहिनी झरना तीर्थ में स्वत: उसे तगाड़ी ढोते देखकर मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के सचिव पं. मुरलीधर मिश्र, सतबहिनी के संत हरिदास जी महाराज, ध्रूवकुमार पांडेय, देवीदयाल राम, मुखिया पांडेय, शंभूनाथ सिंह आदि ने कहा कि श्वेताभ सफलता की सबसे ऊंची सीढ़ी तक पहुंचेंगे। यह लर्निंग बाई डूइंग की बदौलत सफलता प्राप्त करनेवाले छात्र का कमाल है।