भीषण गर्मी से झूलसे सैकड़ो चमगादड़ मामले की जांच करने सुंडीपुर पहुंची वन विभाग की टीम,पशुपालन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी लिया जायजा

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अमरेंद्र कुमार पंडित

कांडी : अभूतपूर्व गर्मी एवं धूप तथा कड़ाके की लू के कारण सुंडीपुर में बड़ी संख्या में मृत चमगादड़ों की जानकारी होने पर गुरुवार को सरकारी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों का जमावड़ा लगा रहा। इसकी जानकारी देते हुए गाड़ा खुर्द पंचायत की मुखिया आरती सिंह के प्रतिनिधि सह क्षत्रिय करणी सेना के गढ़वा जिला अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सबसे पहले भवनाथपुर वन क्षेत्र के रेंज अफसर प्रमोद कुमार ठाकुर के नेतृत्व में अनिल गिरी फॉरेस्टर एवं वन कर्मियों की टीम सुंडीपुर पहुंची। उन्होंने उन सभी स्थानों का मौके पर जाकर जायजा लिया जहां पर चमगादड़ों की बड़ी संख्या में मौत हुई थी। वन विभाग के कर्मचारियों ने अधिकारियों के आदेश पर काफी संख्या में चमगादड़ों का शव इकट्ठा कर उसे आग के हवाले किया। कुछ देर के बाद पशु चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में पशुपालन विभाग की टीम भी सुंडीपुर पहुंची। उन्होंने भी सभी स्थानों का मौके पर जाकर जायजा लिया। पशुपालन विभाग की टीम ने चमगादड़ों के शव को सील बंद करके पुणे प्रयोगशाला में भेजने के लिए सुरक्षित रखा। जहां जांच के बाद मृत्यु के कारणों पर प्रकाश डाला जाएगा। इसके बाद कांडी के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल पदाधिकारी मोहम्मद आफताब आलम भी सुंडीपुर पहुंचे। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने चौधरी टोला के नजदीक सुंडीपुर बगीचा में पीपल पेड़, सुंडीपुर देवी धाम के पूर्व बरगद का पेड़ एवं गोरेया बाबा के पास पीपल के पेड़ के निकट इस हादसे को लेकर मौका मुआयना किया। इन्हीं पेड़ों पर झुलसकर सैकड़ो की संख्या में बुधवार को चमगादड़ों की मौत हुई थी। इसके बाद मौके पर पहुंचे प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोविंद प्रसाद सेठ के नेतृत्व में मेडिकल स्टाफ ने कैंप लगाकर वैसे लोगों की जांच किया जिन्होंने मृत चमगादड़ों का मांस बनाकर खाया था। हालांकि बड़ी संख्या में कार्रवाई के डर से लोगों ने चमगादड़ खाना कबूल नहीं किया। काफी कोशिश के बाद करीब 25 लोगों ने चमगादड़ का मांस खाना कबूल किया। जिनकी जांच की गई। जांच के बाद डॉक्टर गोविंद प्रसाद सेठ ने सभी लोगों को सुरक्षित बताया। बीडीओ एवं अन्य विभागीय अधिकारियों ने मृत पक्षियों के शव को छूने से लोगों को सख्ती से मना किया। साथ ही कड़ाके की धूप एवं लू से बचने की सलाह दी। कहा कि बहुत जरूरी होने पर ही कपड़े से सिर और शरीर ढक कर बाहर निकलें। पेट खाली नहीं रहे एवं लगातार पानी, शरबत, ओआरएस आदि पीते रहें। ककड़ी, तरबूज, खीरा आदि का सेवन बढ़ा दें। कुछ दिनों तक अभी मौसम इसी तरह का रहेगा। जिससे सावधानी के साथ बचने की जरूरत है। कहा कि बच्चों एवं बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दें एवं धूप एवं लू के प्रकोप से बचें।

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