बलियारी पंचायत में बिना काम किए 12 लाख से अधिक निकासी को लेकर डीडीसी ने मुखिया, पंचायत सचिव व 15वें वित्त के जेई को किया शो कॉज

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बलियारी पंचायत में बिना काम किए 12 लाख से अधिक निकासी को लेकर डीडीस

कांडी : जिला के उप विकास आयुक्त के द्वारा बलियारी पंचायत की मुखिया, पंचायत सचिव एवं 15 वें वित्त के जूनियर इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस दौरान वित्तीय नियमों का पालन नहीं करने, निकासी के अनुरूप कार्य नहीं करने, ग्राम सभा की पंजी संधारित नहीं रहने, स्वेच्छाचारिता किए जाने एवं कर्तव्य के निर्वहन में लापरवाही को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। इसके लिए उन्हें 15 दिनों का समय दिया गया है। अन्यथा उनके विरुद्ध पंचायत राज अधिनियम 2001 के प्रावधानों एवं अन्य सुसंगत नियम के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी। इस संदर्भ में उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्र के पत्रांक 542 दिनांक 22 अगस्त 2024 के अनुसार मुखिया चंदा देवी, पंचायत सचिव संजीव कुमार ठाकुर एवं जूनियर इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा गया है कि अनुमंडल पदाधिकारी ने 19 जुलाई 2024 को जन शिकायत के आलोक में स्थल जांच कर कई तरह की अनियमितता पाते हुए डीडीसी को रिपोर्ट किया है। किए गए रिपोर्ट के तहत पंचायत में 20 सीमेंटेड कुर्सी की जगह मात्र 15 कुर्सियां पाई गई हैं। जिसके विरुद्ध ₹200000 की निकासी कर ली गई है। पंचायत के सभी विद्यालय में सेनेटरी पैड मशीन का अधिष्ठापन किया जाना था। लेकिन अपग्रेड उच्च विद्यालय बरवाडीह एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय सोनपुरा के आलावा कहीं किसी विद्यालय में सेनेटरी पैड मशीन नहीं पाया गया। उक्त दोनों स्कूलों का मशीन भी खराब है जो बंद पड़ा है। इसके विरुद्ध 148500 की निकासी कर ली गई है। वर्ष 2019-20 में ₹200000 से नाली का निर्माण कराया जाना था। लेकिन रामावतार के घर से मुंशी राम के घर तक नाली की मरम्मती नहीं कराई गई। ग्रामीणों ने भी कहा कि कहीं भी नाली की मरम्मती नहीं की गई है। लेकिन पैसे की निकासी कर ली गई है। पंचायत में 40 डस्टबिन की जगह मात्र 7 डस्टबिन लगाए गए हैं। लेकिन 40 डस्टबिन के पैसों की निकासी कर ली गई है। इस मद में चार लाख 71100 रुपए की निकासी की गई है। अगले बिंदु में 20 चापाकलों की मरम्मती की जगह एक चापाकल की भी मरम्मति नहीं कराई गई। यह ग्रामीणों का कहना है। लेकिन चापाकल मरम्मति के मद में ₹200000 की निकासी कर ली गई है। इसी तरह सात जल मीनारों की मरम्मती के नाम पर पैसे की निकासी की गई। लेकिन एक की भी मरम्मती नहीं कराई गई। गाड़ा कला गांव में पूर्व में लगे जल मीनार को नया जल मीनार बताकर उसके नाम पर भी राशि की निकासी की गई। इस प्रकार सात जल मीनारों की मरम्मति के नाम पर ₹200000 की निकासी कर ली गई है। इन सभी मामलों को लेकर उक्त योजनाओं में वित्तीय नियमों का पालन नहीं किए जाने, निकासी के अनुरूप कार्य नहीं किए जाने, ग्राम सभा की पंजी भी संधारित नहीं होने और सभी लोगों के द्वारा स्वेच्छाचारिता अपनाते हुए कर्तव्य के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है। एक पक्ष के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। समय पर स्पष्टीकरण नहीं देने पर समझा जाएगा कि आपको इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। इस सूरत में पंचायत राज अधिनियम 2001 में विहित प्रावधानों व अन्य सुसंगत नियमों के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

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