अमरेन्द्र पंडित
कांडी: कांडी प्रखंड प्रमुख सह प्रमुख संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय ने रविवार को कांडी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर क्षेत्रीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह पर षडयंत्र के तहत सभी पंचायत समिति सदस्य को बरगलाने का आरोप लगाया।
श्री पांडेय ने कहा कि विधायक विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विकास पर नहीं बल्कि प्रमुख और मुखिया को हटाने की साजिश रचने में व्यस्त हैं।
कहा कि विधायक लगातार पंचायत समिति सदस्यों के साथ बैठक कर उन्हें अपनी गाड़ी से कांडी लाए।
कांडी पुलिस को उनके सुरक्षा में तैनात किया।
कहा कि विधायक को जीते हुए अभी दो माह भी नहीं हुआ है कि वे सभी जगहों से कमीशन वसूली के लिए नए नए हथकंडे अपनाने लगे।
उन्हे मनरेगा व जमीन के दाखिल खारिज में कमीशन चाहिए।
उन्हे मुखिया के 15वें वित्त में कमीशन चाहिए।
उन्हे लगा कि कांडी प्रखंड प्रमुख इतनी आसानी से उनकी मुट्ठी में नहीं आ पाएंगे इसलिए उन्होंने प्रखंड व पंचायत का सारा सिस्टम अपनी मुट्ठी में करने के उद्देश्य से इतना बड़ा षडयंत्र किया है।
पिंकू पांडेय ने कहा कि अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए विधायक द्वारा लगातार मुखिया या अन्य जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाया जा रहा है।
विधायक के इस कृत्य से सरकार की बदनामी होगी।
प्रमुख ने कहा कि वे इसकी शिकायत पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर के साथ साथ सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी करेंगे।
श्री पांडेय ने कहा कि मैं विधायक से डरने वाला नहीं हूं।
विधायक में दम है तो मुझे प्रमुख से हटा कर दिखा दें।
विधायक द्वारा जबरदस्ती एक दर्जन पंचायत समिति सदस्य या उनके प्रतिनिधि को कहीं गुप्त स्थान पर ले जाया गया है।
लेकिन सभी पंचायत समिति सदस्य उनके झांसे में आने वाले नहीं हैं।
समय आएगा तो विधायक को करारा जवाब दिया जाएगा।
इधर इस संबंध में पूछे जाने पर क्षेत्रीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मुझे प्रमुख,पंचायत समिति सदस्य,मुखिया व वार्ड पार्षद के विवाद से कोई लेना देना नहीं है।
यह पंचायत समिति सदस्यों का अपना मामला है।
मुझे विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र में और भी बहुत काम है।
प्रखंड प्रमुख के विभिन्न विभागों से कमीशन वसूलने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए विधायक ने कहा कि प्रमुख मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
उनके द्वारा मेरे ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है।
वे अपने पांच वर्षो के कार्यकाल में किसी से अवैध रूप से एक रुपया भी नहीं लेने की सपथ ली है।