कांडी में लचर बिजली व्यवस्था से नाराज प्रखंड प्रमुख पिंकू पाण्डेय ने बिजली विभाग को दिया एक सप्ताह का अल्टीमेटम

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कांडी : स्थानीय स्तर पर बिजली के सुलगते सवाल को लेकर कांडी प्रखंड प्रमुख पिंकू पांडेय ग्रामीणों के साथ गढ़वा के बिजली ऑफिस पर बेमियादी धरना प्रदर्शन करेंगे। कांडी प्रखंड प्रमुख सह झारखंड प्रदेश प्रमुख संघ के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय ने सोमवार को कांडी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पड़ोसी प्रखंड भवनाथ पुर में प्रतिदिन 17 – 18 घंटे लाइन रह रहा है। गढ़वा में 20 – 22 घंटे बिजली दी जा रही है। लेकिन बेहद दुख की बात है कि इसी देश व इसी प्रदेश के एक भाग कांडी को महीनों से 10 – 20 मिनट बिजली भी नसीब नहीं हो रही। इस विषम हालात में लोग एक बार फिर पुरातन काल की जिंदगी जीने के लिए लाचार हो रहे हैं। पहले की लगाई गई सब्जी की फसल सूख कर बर्बाद हो गई। जबकि बड़े पैमाने पर की जाने वाली गरमा मुंग, मक्का व सब्जी की फसल लगाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। ऐसे में करीब एक करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। इसकी भरपाई कौन करेगा – लाख टके का यक्ष प्रश्न अनुत्तरित पड़ा है।
कांडी प्रखंड के इस ज्वलंत सवाल को लेकर प्रमुख ने गढ़वा एई से बात किया। कहा कि अन्य क्षेत्रों में लगभग पर्याप्त बिजली दी जा रही है तो कांडी के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों।
क्या इसलिए कि उन क्षेत्रों को सौभाग्य से सबल नेतृत्व हासिल है। लेकिन कांडी, मझिआंव व बरडीहा इस मामले में अभागा है।
इस पर एई ने कहा कि आपलोगों का उक्त प्रखंड दूर पड़ता है। इसलिए दिक्कत होती है। प्रखंड प्रमुख पिंकू पांडेय ने कहा कि कांडी, मझिआंव व बरडीहा भी भारत के ही अभिन्न अंग हैं। यहां के लोगों को भी उनका वाजिब हक हर हाल में मिलना चाहिए। कहा कि यदि 10 मई तक कांडी प्रखंड में बिजली की लचर व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो वे 11 या 12 मई को संविधान के दायरे में जन आंदोलन शुरू करेंगे।
प्रमुख ने कहा कि कांडी, बरडीहा व मझिआँव के हजारों भुक्तभोगी ग्रामीणों के साथ गढ़वा बिजली ऑफिस पर बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
इसकी पूरी जवाबदेही बिजली विभाग व प्रशासन की होगी।

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