25वें मानस महायज्ञ को लेकर सतबहिनी झरना तीर्थ में विधायक सह अध्यक्ष नरेश सिंह की अध्यक्षता में रविवार को होगी बैठक

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विधायक सह अध्यक्ष नरेश सिंह क

कांडी : गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड अंतर्गत सतबहिनी झरना तीर्थ में 15 दिसंबर को मानस महायज्ञ के आयोजन को लेकर एक आवश्यक बैठक बुलाई गई है। इस बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष सह स्थानीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह करेंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2001 से सतबहिनी विकास समिति के तत्वावधान में आम जनों के द्वारा प्रतिवर्ष मानस महायज्ञ का आयोजन किया जाता है। यह महायज्ञ झारखंड के कई जिलों के साथ-साथ भारत के कई प्रदेशों में प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मानस महायज्ञ के विराट आयोजन को लेकर 15 दिसंबर रविवार को एक विशेष बैठक आहुत की गई है। इस बैठक की अध्यक्षता मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के अध्यक्ष सह विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक नरेश प्रसाद सिंह करेंगे। इसकी जानकारी देते हुए समिति के सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र ने कहा कि इस वर्ष मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के तत्वावधान में आम जनों के द्वारा 25वें मानस महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यह सतबहिनी झरना तीर्थ में यज्ञ के आयोजन की रजत जयंती होगी। इसी के अनुरूप महायज्ञ की तैयारी भी की जाएगी। महायज्ञ की तैयारी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए रविवार को पहली बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में समिति के सभी कोटि यथा – विशिष्ट स्थाई सदस्य, स्थाई सदस्य एवं सामान्य सदस्यों के साथ सभी श्रद्धालु आम जनों को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 25 वें मानस महायज्ञ की रजत जयंती के दौरान अयोध्या के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री प्रेम शंकर दास जी महाराज के द्वारा महायज्ञ का नेतृत्व किया जाएगा। इसके साथ ही भारत के विशिष्ट मंचो के विशिष्ट प्रवचन कर्ता सतबहिनी झरना तीर्थ के बहुउद्देशीय एवं सुंदर मंच से मानस की कथा के साथ-साथ श्रीमद् भागवत महापुराण की संगीतमय कथा प्रस्तुत करेंगे। उल्लेखनीय है कि सतबहिनी झरना तीर्थ के इस महायज्ञ में स्थानीय 100 गांवों के साथ-साथ दर्जन भर शहरों, झारखंड के कई जिलों एवं देश के कई राज्यों के काफी संख्या में श्रद्धालु भाग लिया करते हैं। पिछले आयोजन की बात करें तो 3:50 लाख श्रद्धालु महिला पुरुषों की उपस्थिति महायज्ञ के दौरान दर्ज की गई थी। इस संख्या में इस वर्ष और बढ़ोतरी होने की सुनिश्चित संभावना है। याद रहे कि सतबहिनी झरना तीर्थ एक अनमोल प्राकृतिक एवं धार्मिक धरोहर है। यहां पर सतबहिनी भगवती माता महा दुर्गा, महाकाली, महालक्ष्मी, देवी सात वाहनों के भाई भैरवनाथ, भगवान भास्कर, बजरंग बली, साक्षी गणेश, भगवान शिव एवं नंदी महाराज के मंदिरों के अलावा यहां पर 300 वर्षों से अधिक प्राचीन एक महर्षि की सात मंजिली रहस्यमई साधना सह समाधि गुफा अवस्थित है। इसके अतिरिक्त मनोरम झरना, कल कल बहती नदिया, पत्थर एवं चट्टानों की श्रृंखला, मीलों तक फैली ऊंचे नीचे टीलों की सुंदर श्रृंखला, समिति के द्वारा हरितिमा संवर्द्धन कार्यक्रम के तहत किया गया पौधारोपण की हरियाली, सेतु मार्ग, सेतु मार्ग का विस्तार खंड, कलात्मक सीढ़ियां, 70 वर्षों पुराना यज्ञ मंडप, नवीन यज्ञ शाला, 3 छठ घाट, 3 सामुदायिक भवन आदि सहित सतबहिनी झरना तीर्थ की मनोहारी छटा लोगों का मन मोह लेती है। इसलिए कई कई गाड़ियों में भरकर प्रतिदिन बाहर के श्रद्धालुओं का भी सतबहिनी झरना तीर्थ में आगमन हुआ करता है। महायज्ञ के दौरान 11 दिनों का विराट मेला भी लगता है। इस मेले में लाखों की संख्या में लोगों को खरीदारी करते देखा जाता है। जबकि मेला के दौरान टावर झूला, नाव झूला, टॉय ट्रेन आदि का भी आकर्षण लोगों को खींच लाता है। इन्हीं सब तैयारी को लेकर रविवार को सतबहिनी झरना तीर्थ में समिति के द्वारा एक विशेष बैठक बुलाई गई है। जिसमें समिति के सभी कोटि के सदस्यों एवं आम जनों से बैठक में अवश्य भाग लेने की अपील की गई है।

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