कांडी : 36 वर्षों पूर्व स्थापित स्वास्थ्य उप केंद्र अधौरा को राजनीतिक द्वेष के कारण अभी तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में अपग्रेड नहीं किया गया। जबकि कांडी प्रखंड के ही अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में अपग्रेड किया जा चुका है। यह स्वत: समझने की चीज है कि अन्य सभी उप केदो को किस परिस्थिति में अपग्रेड कर दिया गया एवं अधौरा स्वास्थ्य उपकेंद्र को आखिर क्यों अपग्रेड नहीं किया गया। इसकी जानकारी होने पर ग्रामीणों ने गढ़वा जिला के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार को ही 2 वर्ष पहले अधौरा स्वास्थ्य उप केंद्र को भी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में अपग्रेड करने का लिखित आवेदन दिया है। बावजूद इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां उल्लेखनीय है कि जिस केंद्र में उद्घाटन के बाद से कभी कोई स्वास्थ्य कर्मी एक दिन के लिए भी पैर तक नहीं रखा है। जिसमें चिकित्सा एवं चिकित्सा संबंधी परामर्श सेवा की आज तक शुरुआत भी नहीं की गई है। उसे भी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में अपग्रेड कर दिया गया है। लेकिन वर्षों से कार्यरत अधौरा स्वास्थ्य उपकेंद्र को राजनीतिक कारणों से अपग्रेड नहीं किया गया। इस तरह के लमारी स्वास्थ्य उप केंद्र का वर्ष 2016 में स्थानीय विधायक सह झारखंड सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के द्वारा लमारी कला स्वास्थ्य उप केंद्र का उद्घाटन किया गया था। आज तक इस केंद्र में कभी किसी स्वास्थ्य कर्मी का पदस्थापन नहीं किया गया और न ही किसी को इसका प्रभार दिया गया। बावजूद इसके लमारी स्वास्थ्य उपकेंद्र के खाली पड़े भवन को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में अपग्रेड कर दिया गया। हाकिम का हुकुम बजाने वाले विभागीय अधिकारियों ने भी इस पर सवाल नहीं उठाया कि जो केंद्र आज तक एक दिन के लिए भी काम नहीं किया। उसे किस परिस्थिति में अपग्रेड किया जा रहा है। दूसरा मामला है स्वास्थ्य उपकेंद्र पीपरडीह का। दो कमरे का छोटा सा भवन माझिआंव कांडी मुख्य सड़क पर अवस्थित है। आज तक उसका स्वास्थ्य केंद्र सह प्रसव केंद्र का दो मंजिला भवन भी नहीं बना। बावजूद इसके इसे भी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में अपग्रेड कर दिया गया। यहां केवल एक एएनएम गीता कुमारी की पोस्टिंग है। लाख टके की बात है कि अधौरा हेल्थ सेंटर को अपग्रेड नहीं होने की स्थिति में सारे विभागीय कर्मियों को यह मालूम हो गया कि यह केंद्र सरकार द्वारा एक उपेक्षित केंद्र है। इसलिए यहां ड्यूटी करने की कोई जरूरत नहीं है। यही कारण है कि इस केंद्र में पदस्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी अनुराधा लोध, एमपीडब्ल्यू राजीव रंजन एवं एएनएम गीता रानी को मिलाकर तीन-तीन व्यक्तियों के होने के बावजूद इनके द्वारा रेगुलर ड्यूटी नहीं की जाती। इस बाबत बार-बार विभाग से मौखिक व लिखित अनुरोध किया गया है कि कम से कम केंद्र के चलने से छोटी-मोटी बीमारियों में गरीबों को दवा, प्रसव के साथ-साथ चिकित्सकीय परामर्श मिला करता है। बावजूद इसके किसी ने नियमित रूप से ड्यूटी करना मुनासिब नहीं समझा। जबकि शिवपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अरुण राम ने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी अनुराधा लोध को ही नियमित रूप से ड्यूटी करने की बात कही है। इसी बाबत फोन करने पर उनके द्वारा कहा जाता है कि फोन क्यों करते हैं।
36 वर्षो के अधौरा स्वास्थ्य उपकेंद्र को हेल्थ एंड वेलनेश सेंटर में नहीं किया गया अपग्रेड
Fast News 08
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